मेरा नाम बिट्टू है मैं 25 साल का एक युवक हूं और मैं पानीपत का रहने वाला हूं। मैं पंजाबी हूं मेरे पिताजी पुलिस में है। वह एक दबंग पुलिस वाले हैं।
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शहर में उनसे सब डरते हैं और घर में भी सब लोग उनसे बहुत डरते हैं। मोहल्ले में भी उनकी बहुत धाक है। जब भी वह आते हैं तो सब उन्हें देखकर इधर उधर छुप जाते हैं। कोई भी उनके आसपास आने से डरता है। मुजरिम का तो उन्होंने मार-मार कर बुरा हाल कर रखा है। पहले हमारे यहां काफी चोरी हुआ करती थी। किंतु अब हमारे यहां पर इतनी चोरी नहीं होती है। जिससे कि सब लोग आराम से रहते हैं। वही पड़ोस में काफी लोग हमारी कॉलोनी में रहते हैं। क्योंकि हमारी कॉलोनी बहुत ही बड़ी है और सब लोग यहां पर रहते हैं। हमारे दो घर छोड़कर कोमल भाभी रहती हैं। जो कि एक नंबर की आइटम है।
वह बहुत ही हॉट है उनकी शादी को 5 साल हुए हैं। भाभी भी हम लोगों ने देखते रहती हैं। छत से वह भी काफी देखती है मुझे लेकिन मैं अपने पिता के डर से वहां नहीं जाता हूं। कभी उन्होंने पकड़ लिया तो वह बहुत मारेंगे। इसके चलते मैं कभी भी वहां पर नहीं जाता हूं। मुझे इस बात से भी डर लगता है कि एक बार उन भाभी की पति ने बिजली चोरी कर ली थी। तो बिजली विभाग के लोगों ने पुलिस में कंप्लेंट करवा दी। जिससे मेरे पिताजी ने उनके पति को बहुत ही बुरी तरीके से मारा था। तब से वह हमारे घर पर भी नहीं आते हैं। ना ही हम लोग उनके घर पर जाते हैं। लेकिन मैं तो भाभी के पीछे पागल था। मैं ना जाने कब से देखता था हमारी छत से उनकी छत में जाने के लिए तो बहुत आसानी थी ऊपर ऊपर से छलांग मारकर हम लोग एक दूसरे की छत पर जा सकते थे। तो मैं कभी कभार हिम्मत करके ऐसा ही करता था। कोमल भाभी की पैंटी को चुरा लेता था और उस पर मुठ मारकर वहीं पर रख दिया करता था। भाभी को पूरा मालूम था कि मैं ही हूं जो ऐसा करता हूं। लेकिन वह मेरे पिता जी के डर से ना तो हमारे घर आती थी और ना ही बोल पाती थी बस अपने कपड़े लेकर चली जाती थी और अपने ही छत से मुस्कुरा देती थी। यह देख कर मैं काफी बेचैन हो गया।
एक दिन मैंने भाभी को देखा वह छत से मुझे काफी देर से देखे जा रही थी। मैं भी उनको देखने के लिए छत पर खड़ा हो गया। मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझ पर लाइन मार रही हैं। आज मैंने पक्का इरादा कर ही लिया कि कुछ तो अपनी कहानी आगे बढ़ा कर ही रहूंगा। तो मैंने पतंग उड़ानी शुरू कर दी थोड़ी देर बाद मेरी पतंग किसी ने काट दी और वह भाभी की छत में जाकर गिर गई। पतंग लेने के लिए मैं उनकी छत पर गया वहां पर भाभी खड़ी हो रखी थी। उनको देखकर मैं मुस्कुराएं लगा। वह भी मुझे देख कर मुस्कुरा रही थी और काफी खुश थी। मैंने उनसे कहा वह मेरी पतंग किसी ने काट दी थी तो मैं आपके छत पर आ गया हूं। उसके लिए सॉरी भाभी ने कहा सॉरी बोलने की जरूरत नहीं है। कोई बात नहीं ऐसा हो जाता है। और उसके बाद मैंने भाभी से उनका फोन नंबर मांग लिया। उन्होंने मुझे अपना फोन नंबर दे दिया। अब मैं काफी खुश हो गया था। कोमल भाभी का फोन नंबर लेकर मुझे भी मालूम था। कि वह भी मुझे पसंद करती है और अपनी चूत देने के लिए तैयार हो जाएगी। जैसे ही मैं पतंग लेकर खड़ा हुआ। तो मैं भाभी से टकरा गया और वह मेरे ऊपर गिर गई। उनके बड़े बड़े चूचे मेरे से टकरा रहे थे। मैंने भी मौका नहीं छोड़ा और थोड़ा सा हाथ लगा ही दिया।
जैसे ही मैंने हाथ लगाया तो वह भी खुश होकर कहने लगी आज शाम को तुम मुझे कॉल करना मैंने कहा ठीक है। मैं शाम को आपको फोन करूंगा। उसके बाद मैं अपने घर छत के रास्ते से आ गया। जैसे ही मैं अपने घर पर आया तो मैंने देखा वहां पर मेरे पिताजी बैठे हैं। मैं चुपचाप से अपने कमरे में चला गया और वहीं पर बैठ गया। मैं बाहर भी नहीं निकला मुझे मालूम था नहीं तो मेरे पिताजी कुछ ना कुछ मुझे बोल देंगे और बेकार में सारा कचरा हो जाएगा। मैं चुपचाप से अंदर ही बैठा रहा। जब तक की वह चले नहीं गए। जैसे ही वह गए तो मैं बाहर आया और मैं अपनी मां से बात करने लगा। मैंने उन्हें पूछो क्या पिताजी जा चुके हैं। मेरी मां ने कहां हां चले गए हैं। कल सुबह लौटेंगे अब मैं आराम से फ्री हो गया और निश्चिंत होकर अपने कमरे में लेट गया। तब तक शाम हो चुकी थी। जैसा कि मुझे भाभी ने कहा था कि तुम शाम को फोन करना तो मैं उन्हें फोन करने लगा। उन्होंने मेरा फोन दो-तीन बार तो उठाया नहीं लेकिन मैं करता रहा। उसके बाद उन्होंने मेरा फोन उठा लिया और कहने लगी हेलो कौन बोल रहा है। मैंने कहा भाभी मैं बिट्टू बोल रहा हूं आपका पड़ोसी उनका हां बिट्टू बोलो उसके बाद धीरे-धीरे भाभी से बातें शुरू हुई। मैंने उन्हें कहा मैं तो आपको काफी समय से देखता रहता हूं क्या आप भी मुझे देखते हैं वह भी कहने लगी हां मैं भी तुम्हें छत से देखती रहती हूं।
अब उन्होंने यह बात कहते कहते ही अपने फोन को साइड में रख लिया और कहने लगी मेरे पति आ गए हैं थोड़ी देर में फोन करना। जब वह सो जाएंगे मैंने कहा ठीक है मैं आपको रात को फोन करूंगा। उसके बाद रात को मैंने भाभी को फोन किया। रात के करीबन 11:00 बज गए थे। तो मैंने उन्हें फोन किया अपनी बात करने लगा। मैंने उनसे सबसे पहले यह पूछा कि आपके पति सो चुके हैं। उन्होंने कहा हां मेरे पति सो चुके हैं। मैंने कहा अब मैं बात कर सकता हूं। उन्होंने कहा तुम अब बात कर सकते हो। यह कहकर हमने बात जारी रखी। उसके बाद मैंने कोमल भाभी से फोन सेक्स शुरू कर दिया। वह भी काफी सेक्सी बातें करती है। मैंने उनसे उनका फिगर पूछा उन्होंने बताया 36 28और 36 यह सुनकर मैं तो मदहोश हो गया। अब धीरे-धीरे भाभी भी सुरूर में आने लगी थी। अब उनसे भी कंट्रोल नहीं हो रहा था। उनकी चूत से पानी गिर रहा था। यह उन्होंने मुझे फोन में कहा मैंने कहा एक काम करो अपने छत पर आ जाओ। वह अपने छत में आ गई और आज मेरे पिताजी भी घर में नहीं थे। तो मैं आराम से छत पर चला गया। जैसे ही मैं छत पर गया तो मैंने देखा वहां पर भाभी खड़ी हैं। मैं जल्दी से दीवार फांदकर छत में चला गया। वहां मैंने देखा भाभी ने नाइटी पहनी हुई है। मैंने भी निक्कर पहनी हुई थी ऊपर से कुछ भी नहीं पहना था मेरी छाती साफ साफ दिखाई दे रही थी।
भाभी ने सीधा ही मेरे छाती पर अपना हाथ रख दिया और कहने लगी फोन पर तो तुम बड़े गरमा गरम बात करते हो मेरी चूत का पानी गिर गया था। अब मैंने भी उनकी नाइटी को हल्का सा ऊपर कर दिया और उनके चूत में हाथ लगाने लगा। मैंने उनसे कहा मुझे भी तो दिखाओ कहां पर पानी गिरा है। मैंने जैसी ही नीचे उनकी चूत में हाथ लगाया तो बहुत चिपचिपी हो रखी थी उन्होंने पैंटी भी नहीं पहनी हुई थी। क्योंकि वह चुदने के लिए छत पर आई थी।
मैंने भी सीधा अपना 10 इंच का लंड निकाला और उनकी योनि में घुसा दिया। वह बड़ी तेज चिल्लाई और कहने लगी तुम्हारा तो बड़ा ही मोटा है। मैंने कहा अभी देखते रहो कैसे मैं तुम्हें चोदता हूं। उसके बाद मैंने उन्हें 3 4 पोज बनाकर चोदा पहले कभी आगे से तो कभी पीछे से हर तरीके से मेने चोदा उठा उठा कर अच्छे से चोदा वो कहने लगी तुम तो बड़े ही अच्छे से चोदते हो। मैंने उन्हें कहा भाभी अभी तुम देखते रहो मैंने भाभी के दोनों पैर चौड़े कर दिए। मैने इतनी तेज झटका दे रहा था। पहला शॉट तो मैंने 100 झटको का करा क्योंकि इस बार मैं भी थोड़ा गर्मी में था इस वजह से मेरा जल्दी से झड गया। दूसरे शॉट में मैंने भाभी के चूत के घोड़े खोल दिए और उनकी चूत का भोसड़ा बना दिया। जिससे कि वह पागल हो गई। मैंने उनके बड़े-बड़े स्तनों को भी अच्छे से चूसा जिससे की उनका दूध निकल रहा था और मैंने वह सब पी लिया। मैंने उनके कमर पर नाखून मार दिए थे और उनके स्तनों को भी काट लिया था। वह मुझे कहने लगी तुम तो बिल्कुल जानवर की तरह करते हो। मैंने उन्हें कहा भाभी यही मेरा स्टाइल है।
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उसके बाद मैंने अपना तरल पदार्थ उनके स्तनों पर गिरा दिया। उनके स्तन मेरे माल से पूर गिले हो गए।
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